ज्योतिष में संभोग के सूत्र



 ज्योतिष में सम्भोग के सूत्र 

वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में सम्भोग का गहरा नाता हैं सम्भोग के समय के बारे में कुछ विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना है, साथ ही साथ आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देना है।

वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सम्भोग का सही समय

- *रात्रि का समय*: वैदिक शास्त्रों में रात्रि के समय सम्भोग करने की सलाह दी गई है। यह समय शारीरिक और मानसिक रूप से आराम और शांति के लिए उपयुक्त माना जाता है।

- *निषिद्ध समय*: कुछ विशिष्ट समयों पर सम्भोग करने से बचना चाहिए, जैसे कि:
- दिन के समय
- सूर्योदय और सूर्यास्त के समय
- ग्रहण के समय
- पर्वों और त्योहारों के समय
- विशेष धार्मिक अनुष्ठानों के समय

अन्य महत्वपूर्ण बातें
- *शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य*: सम्भोग के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
- *सहमति और सम्मान*: सम्भोग के लिए दोनों पक्षों की सहमति और सम्मान आवश्यक है।

- *आयुर्वेदिक दृष्टिकोण*: आयुर्वेद में भी सम्भोग के समय और तरीके के बारे में विशिष्ट निर्देश दिए गए हैं। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सम्भोग के समय को व्यक्ति की प्रकृति और स्वास्थ्य के अनुसार निर्धारित करना चाहिए।

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 ज्योतिष की दृष्टि से सम्भोग का महत्व व्यक्ति के जीवन में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत अधिक होता है। ज्योतिष में सम्भोग को एक महत्वपूर्ण क्रिया माना जाता है जो दो व्यक्तियों के बीच शारीरिक और भावनात्मक संबंध को मजबूत बनाती है।

ज्योतिष में सम्भोग का महत्व
- *शारीरिक संबंध*: ज्योतिष में सम्भोग को शारीरिक संबंध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। यह दो व्यक्तियों के बीच शारीरिक आकर्षण और प्रेम को दर्शाता है।

- *भावनात्मक संबंध*: सम्भोग भावनात्मक संबंध को भी मजबूत बनाता है। यह दो व्यक्तियों के बीच विश्वास, प्रेम और समझ को बढ़ावा देता है।

- *आध्यात्मिक संबंध*: कुछ ज्योतिषियों के अनुसार, सम्भोग आध्यात्मिक संबंध को भी मजबूत बना सकता है। यह दो व्यक्तियों के बीच आध्यात्मिक ऊर्जा के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।

ज्योतिष में सम्भोग के लिए शुभ समय
- *चंद्रमा की स्थिति*: चंद्रमा की स्थिति सम्भोग के लिए शुभ समय को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चंद्रमा की पूर्णिमा और शुक्ल पक्ष के दौरान सम्भोग करना शुभ माना जाता है।

- *ग्रहों की स्थिति*: ग्रहों की स्थिति भी सम्भोग के लिए शुभ समय को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुछ ग्रहों की स्थिति सम्भोग के लिए शुभ होती है, जबकि अन्य ग्रहों की स्थिति अशुभ हो सकती है।

ज्योतिष में सम्भोग के लिए अशुभ समय
- *ग्रहों की अशुभ स्थिति*: कुछ ग्रहों की अशुभ स्थिति सम्भोग के लिए अशुभ हो सकती है। जैसे कि शनि, राहु और केतु की अशुभ स्थिति सम्भोग के लिए अशुभ मानी जाती है।

- *चंद्रमा की अशुभ स्थिति*: चंद्रमा की अशुभ स्थिति भी सम्भोग के लिए अशुभ हो सकती है। जैसे कि चंद्रमा की क्षीणता या चंद्रमा के साथ अन्य ग्रहों की अशुभ स्थिति सम्भोग के लिए अशुभ मानी जाती है।

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वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व बहुत अधिक होता है, और सम्भोग के लिए भी कुछ नक्षत्रों को उत्तम माना जाता है। यहाँ कुछ नक्षत्रों के बारे में जानकारी दी गई है जो सम्भोग के लिए उत्तम माने जाते हैं:

उत्तम नक्षत्र
- *रोहिणी नक्षत्र*: रोहिणी नक्षत्र को सम्भोग के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। यह नक्षत्र चंद्रमा के स्वामित्व में आता है और प्रेम, आकर्षण और संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

- *मृगशिरा नक्षत्र*: मृगशिरा नक्षत्र भी सम्भोग के लिए उत्तम माना जाता है। यह नक्षत्र चंद्रमा और मंगल के स्वामित्व में आता है और शारीरिक और भावनात्मक संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

- *पुनर्वसु नक्षत्र*: पुनर्वसु नक्षत्र भी सम्भोग के लिए उत्तम माना जाता है। यह नक्षत्र बृहस्पति के स्वामित्व में आता है और संबंधों में सुख, समृद्धि और आनंद को बढ़ावा देता है।

अन्य महत्वपूर्ण बातें
- *नक्षत्रों की गुणवत्ता*: नक्षत्रों की गुणवत्ता भी सम्भोग के लिए महत्वपूर्ण होती है। कुछ नक्षत्रों में सम्भोग करना उत्तम होता है, जबकि अन्य नक्षत्रों में नहीं।
- *चंद्रमा की स्थिति*: चंद्रमा की स्थिति भी सम्भोग के लिए महत्वपूर्ण होती है। चंद्रमा की पूर्णिमा और शुक्ल पक्ष के दौरान सम्भोग करना उत्तम माना जाता है।

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संभोग शास्त्र के अनुसार, संभोग के लिए उपयुक्त साथी का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ बातें हैं जो संभोग शास्त्र में उपयुक्त साथी के बारे में बताई गई हैं:

उपयुक्त साथी के गुण
- *सामंजस्य*: संभोग शास्त्र के अनुसार, उपयुक्त साथी वह होता है जिसके साथ आपका सामंजस्य अच्छा हो। इसका अर्थ है कि आपके विचार, भावनाएं और शारीरिक संबंध एक दूसरे के साथ मेल खाते हों।

- *प्रेम और आकर्षण*: उपयुक्त साथी वह होता है जिसके प्रति आपका प्रेम और आकर्षण हो। यह आकर्षण शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक रूप से होना चाहिए।

- *संचार*: उपयुक्त साथी वह होता है जिसके साथ आपका संचार अच्छा हो। इसका अर्थ है कि आप अपने विचारों, भावनाओं और आवश्यकताओं को एक दूसरे के साथ साझा कर सकें।

- *सम्मान और विश्वास*: उपयुक्त साथी वह होता है जो आपके प्रति सम्मान और विश्वास रखता हो। इसका अर्थ है कि आप एक दूसरे के प्रति वफादार हों और एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें।

उपयुक्त साथी के लिए ज्योतिषीय विचार

- *ज्योतिषीय मेल*: कुछ ज्योतिषियों के अनुसार, उपयुक्त साथी वह होता है जिसका ज्योतिषीय मेल आपके साथ अच्छा हो। इसका अर्थ है कि आपके जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति एक दूसरे के साथ मेल खाती हो।

- *सप्तम भाव*: सप्तम भाव आपके जीवन साथी और संबंधों को दर्शाता है। उपयुक्त साथी वह होता है जिसके साथ आपके सप्तम भाव में ग्रहों की स्थिति अच्छी हो।

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ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव के आधार पर, कुछ ग्रहों के जातक कुछ विशिष्ट ग्रहों की जातिकाओं के साथ संभोग करने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। यहाँ कुछ सामान्य विचार हैं:

ग्रहों के अनुसार उपयुक्त साथी
- *सूर्य जातक*: सूर्य जातक के लिए चंद्रमा या शुक्र की जातिका के साथ संभोग करना उपयुक्त माना जाता है। ये ग्रह प्रेम, आकर्षण और संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

- *चंद्रमा जातक*: चंद्रमा जातक के लिए शुक्र या बृहस्पति की जातिका के साथ संभोग करना उपयुक्त माना जाता है। ये ग्रह भावनात्मक संबंधों और प्रेम को बढ़ावा देते हैं।

- *मंगल जातक*: मंगल जातक के लिए शुक्र या चंद्रमा की जातिका के साथ संभोग करना उपयुक्त माना जाता है। ये ग्रह शारीरिक आकर्षण और प्रेम को बढ़ावा देते हैं।

- *बृहस्पति जातक*: बृहस्पति जातक के लिए चंद्रमा या शुक्र की जातिका के साथ संभोग करना उपयुक्त माना जाता है। ये ग्रह संबंधों में सुख, समृद्धि और आनंद को बढ़ावा देते हैं।

- *शुक्र जातक*: शुक्र जातक के लिए चंद्रमा, सूर्य या मंगल की जातिका के साथ संभोग करना उपयुक्त माना जाता है। ये ग्रह प्रेम, आकर्षण और शारीरिक संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

महत्वपूर्ण बातें
- *व्यक्तिगत कुंडली*: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्यक्तिगत कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव के आधार पर उपयुक्त साथी का चयन करना चाहिए।

- *सामंजस्य और प्रेम*: अंततः, उपयुक्त साथी का चयन करने के लिए सामंजस्य, प्रेम और आकर्षण की भावना को महत्व देना चाहिए।

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मेष राशि के पुरुषों के लिए विवाह के लिए उपयुक्त राशि की महिलाओं का चयन करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है। यहाँ कुछ राशियों के बारे में जानकारी दी गई है जो मेष राशि के पुरुषों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं:

उपयुक्त राशियाँ
- *सिंह राशि*: सिंह राशि की महिलाएँ मेष राशि के पुरुषों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं। दोनों ही राशियाँ अग्नि तत्व की होती हैं और एक दूसरे के साथ अच्छी समझ और आकर्षण को बढ़ावा देती हैं।

- *मिथुन राशि*: मिथुन राशि की महिलाएँ मेष राशि के पुरुषों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं। मिथुन राशि की महिलाएँ बुद्धिमान और आकर्षक होती हैं जो मेष राशि के पुरुषों को आकर्षित कर सकती हैं।

- *तुला राशि*: तुला राशि की महिलाएँ मेष राशि के पुरुषों के लिए उपयुक्त हो सकती हैं। तुला राशि की महिलाएँ संतुलित और आकर्षक होती हैं जो मेष राशि के पुरुषों के लिए एक अच्छा साथी हो सकती हैं।

महत्वपूर्ण बातें
- *व्यक्तिगत कुंडली*: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्यक्तिगत कुंडली में ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव के आधार पर उपयुक्त साथी का चयन करना चाहिए।

- *सामंजस्य और प्रेम*: अंततः, उपयुक्त साथी का चयन करने के लिए सामंजस्य, प्रेम और आकर्षण की भावना को महत्व देना चाहिए.

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